चिड़िया रानी (हाइकु)
चिड़िया रानी
उड़ने को आकुल
स्वर्णिम पँख
बैठ डाल पे
देखती दुनियाँ को
अति विस्मित
पत्ते सहते
मौसम की मार को
पाले से त्रस्त
देख सिहरे
ठंडक में ठिठुरे
अबोध बच्चे
एक रजाई
सो रहे तीन लोग
तन उघड़े
बोझ को ढोता
मासूम बचपन
बिलख रहा
चिड़िया देखे
व्यथा मज़दूर की
दिल दहले
स्वेद चमके
करे श्रम कठिन
गंजी पहने
तोड़े पत्थर
पहने हैं चीथड़े
चप्पल फटे
आँख में आस
मिलेंगे कुछ पैसे
हो जब साँझ
देख मजूरी
दो जून की रोटी की
उम्मीद टूटी
देख नज़ारा
विवश दुनियाँ का
रोती चिड़िया
स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'
प्रतियोगिता के लिए
Farhana ۔۔۔
14-Dec-2021 04:57 PM
Good
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Zakirhusain Abbas Chougule
14-Dec-2021 12:13 AM
Nice
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Sneh lata pandey
14-Dec-2021 09:25 AM
Thanks
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Shrishti pandey
13-Dec-2021 11:40 PM
Bahut badhiya
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Sneh lata pandey
14-Dec-2021 09:25 AM
थंक्स
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